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वैराग्य नैना भयानक आग में फंसे हुए थे, वैराग्य ने नैना को अपनी बाहों में उठाया हुआ था, उसके चेहरे को अपने चेस्ट पर छुपाया हुआ था , नैना तो बेहोश थी , और वैराग्य हर ज़ख्म , हर आग की चिंगारी अपने ऊपर लेते हुए , नैना को एक खरोंच तक न लगे , ये कोशिश करते हुए, मंदिर की आग से बचकर , मंदिर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था !
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